Saturday, July 4, 2009

चिकित्सा जगत का नया रोग

डॉक्टर साहब, मेहरबानी करके जरा इन्हें देख लीजिये। पता नहीं इन्हें कौनसी बीमारी लग गई है। न जाने कैसी कैसी ऊलजुलूल हरकते करते रहते हैं। ओझा से झाड़-फूँक भी करवाई कि कहीं उपरी हवा न लग गई हो, पर कोई फायदा नही हुआ। अब तो इनकी जान बस आपके हाथों में है।
अजीब हरकते करते हैं, मतलब? कुछ खुलकर बताओ।
जैसे, उत्तेजित होकर इधर से उधर चक्कर काटना... अचानक बाहर का रुख करना, फ़िर लपकते हुए अन्दर आना।
हूँ, और?
घड़ी दो घड़ी बाद नीचे जीने कि तरफ़ झांकना... सोते से हडबडा कर उठ बैठना... रह-रह कर घड़ी के काँटो की तरफ़ देखना... किसी से सीधे मुंह बात न करना और सारे घर को सिर पर उठा लेना गोया कोई आयला तूफ़ान आया हो।
अच्छा, अच्छे से सोच कर बताओ, क्या ये लक्षण इनमें हर रोज देखने में आते है? मेरा मतलब है बिना नागा?
नही, हैरानी कि बात तो यही है कि एक रोज़ ये बिल्कुल नोर्मल रहते है, पर अगले ही रोज़ न जाने कौनसा जुनून इन पर सवार हो जाता है।
बस बस, समझ गया मैं। इस बीमारी कि कोई दवा अब तक नही बनी पर फिक्र मत करो, इसमे जान जाने का खतरा कतई नही है। कुछ दिनों बाद इन्हें अपने आप आराम आ जाएगा।
ठीक है, पर ये अजीबोगरीब बीमारी आख़िर है क्या?
कुछ खास नहीं। अक्सर तेज गर्मी क मौसम में इस रोग के वायरस पनपते हैं। चिकित्सा जगत में इस रोग को "नल रोग" कहा जाता है।

No comments:

Post a Comment