- तुम्हारे बाल
तुम्हारी संपत्ति नहीं हैं, ये तुम्हारी संतति की संपत्ति हैं। तुम
इन्हें अपनी लापरवाही से हरगिज़ नहीं उड़ा सकते, इन्हें नोचने का
हक़ सिर्फ तुम्हारे बच्चों-बीवी को है।
- दूधवाले भैया, बहुत देर कर दी! आज देर से सो कर उठे क्या?
नहीं! मैं तो टाइम से ही उठ गया था...
फिर?
वो...भैंस जरा देर से उठी।
- जलसे के बाद
ऑडिटोरियम के प्रांगण में प्लास्टिक के गिलास यूं बिखरे पड़े थे गोया
कुदरत से ज़ोर-जबर्दस्ती करने के बाद बलात्कारियों ने घूरे पर कंडोम फेंक मारे हों।
- तखल्लुस, यानि रमी के खेल का जोकर जिसे मक़्ते में जहां
चाहे फिट कर दो मिसरों का वज़न खुद ब खुद
बराबर हो जाता है।
- मोबाइल का हंडसेट शिशुओं की टीथिंग
के छुआरे
की तरह है, जिससे बच्चे युवक-युवती और उम्रदराज़ अपनी खुजयाती उँगलियों की खुजली मिटाते देखे जा सकते हैं।
- ग्राहक जल्दी
में था। साइनबोर्ड पर ‘पासपोर्ट फोटो सिर्फ एक मिनट में’ लिखा देख कर दुकान
में घुसा। बात सुनने के बाद काउंटर पर बैठे सज्जन ने बेहद नरम आवाज़ में कहा-
सर, बस पाँच मिनट बैठें... आदमी जरा चौराहे तक गया
है!!
- आदमी को सदा सर उठा कर ही नहीं चलना चाहिए। गाहे-बगाहे निगाह नीची भी
रखनी चाहिए... ताकि पता लग सके कि कहीं पेंट की जिप खुली तो नहीं रह गई!
- मार्च का महीना यानी सेमीनारों के नाम पर सालाना सरकारी ग्रांट को ठिकाने लगाने का आखिरी मौका...!
Its good that bhains was not on Holi Holiday ;)
ReplyDeleteत्यागी सर!!
ReplyDeleteसच्चे-झूठे कोट्स.. सच्ची-झूठी ठिठोली.. सच में आपकी स्टाइल वाली होली!!
तखल्लुस वाला कवियों के काम का है। शेष तो लोग भूल जायेंगे। बाल वाला आप ही लिख सकते थे:)
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक।
ReplyDelete'मार्च का महीना यानी सेमीनारों के नाम पर सालाना सरकारी ग्रांट को ठिकाने लगाने का आखिरी मौका...!'... Sir, kyun pol khol rahe ho!!..:)
ReplyDeleteहोली के लिय एकदम मस्त मस्त.
ReplyDeleteतुम्हारे बाल तुम्हारी संपत्ति नहीं हैं, ये तुम्हारी संतति की संपत्ति हैं। तुम इन्हें अपनी लापरवाही से हरगिज़ नहीं उड़ा सकते, इन्हें नोचने का हक़ सिर्फ तुम्हारे बच्चों-बीवी को है। waah bahut achcha.100% agree hoon sir.
ReplyDeletebahut khoob
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