Monday, September 7, 2015

कल के व्यापमं


 आप हमारे होनहारों के निर्माता हैं... भारत के भावी शिक्षक! अगली पीढ़ी आपके हाथों में सुरक्षित है, जो देश को बहुत आगे ले जाएगी. इतने ऊंचे शिखर पर जिसके सामने आज का व्यापमं भी शर्म के मारे धरती में गड जाये. इन भावी शिक्षकों से कुछ मुठभेड़ों (गौरतलब है कि फर्जी मुठभेड़ नहीं!) का सौभाग्य इस खादिम को भी प्राप्त हुआ, जो आपकी खिदमत में पेश है-

(एक)

भावी शिक्षक (प्रिंसिपल से फोन पर)- सार, हमें बी.एड. के बारे में कुछ इन्क्वायरी कोरना.

प्रिंसिपल- जी करें.

भावी शिक्षक- सार, हम दो सेमेस्टर एक साथ कोर सकते?

प्रिंसिपल (सकते में!)- दो क्यों....आप चारों सेमेस्टर एक साथ कोर सकते!

भावी शिक्षक (कुछ खिसियाते हुए)- वो क्या है कि सार, हमारी तोबियत ख़राब है.

प्रिंसिपल- आपको पूरा कॉन्फिडेंस है कि साल भर ख़राब ही चलेगी?...अरे, आज ख़राब है
     तो कल ठीक हो जाएगी!

भावी शिक्षक- लेकिन सार, हम इतनी दूर रहते...क्लास नहीं कोर सकते.

प्रिंसिपल- क्यूँ नहीं कर सकते? आई.आई.टी., आई.आई.एम. में देश के कोने-कोने से बच्चे पढने जाते हैं....लोग यू.एस., यू.के. तक पढने चले जाते हैं... फिर आप   यहाँ क्यूँ नहीं आ सकते?

भावी शिक्षक- सार, हम नौकरी भी कोरते हैं ना!

प्रिंसिपल- फिर तो ऐसा करो कोई फर्ज़ी डिग्री बनाने वाला गिरोह ढूंढो. दो चार लाख दो, घर बैठे डिग्री ले लो. (उधर से फोन कट जाता है!)

(दो)

(बी.एड. के वैकल्पिक विषय का पेपर. परीक्षा शुरू होने का समय. एक भावी शिक्षक हडबडाया हुआ परीक्षा केंद्र में घुसता है.) 

भावी शिक्षक (अधीक्षक से)- सर, मेरा रोल नंबर नहीं मिल रहा.

अधीक्षक- अपना एडमिट कार्ड दिखाओ जरा! (देखते हुए) केंद्र तो यही है. आपने सीटिंग प्लान ध्यान से देखा?

भावी शिक्षक- जी सर, कई बार देखा...मेरा रोल नंबर कहीं नहीं है.

अधीक्षक (सहायक से)- देखिये जरा, इनका रोल नंबर किस कमरे में है?

सहायक- देख लिया सर, किसी कमरे में नहीं है!

भावी शिक्षक- जल्दी करो सर, मेरा पेपर छूट जायेगा...

अधीक्षक (परीक्षा फॉर्म देखते हुए)- लो, तुम्हारा तो आज पेपर ही नहीं है!...आज शैक्षिक तकनीकी का है. शैक्षिक प्रशासन का 26 को है. आप गलत दिन आ गए!

भावी शिक्षक- नहीं सर, मेरा शैक्षिक तकनीकी ही है...शैक्षिक प्रशासन गलती से लिखा गया होगा.

अधीक्षक- ऐसा कैसे गलती से लिखा गया होगा!...परीक्षा फॉर्म तुमने नहीं भरा क्या?

भावी शिक्षक- नहीं सर, एजेंट ने भरा था.

अधीक्षक- और हस्ताक्षर?...वो भी उसी ने किये थे क्या?

भावी शिक्षक- जी सर!!!

(तीन)

(नवप्रवेशित एम. एड. विद्यार्थियों की पहली क्लास)

प्रोफ़ेसर (भावी शिक्षकों से)- आप सबने बी.एड पास किया है. आपमें से कोई ऐसा है, जिसे यह भी पता न हो कि उसका बी.एड. कॉलेज किस दिशा में है?

           (एक-दो हाथ खड़े होते हैं)

प्रोफ़ेसर- शाबाश! आपकी ईमानदारी के सदके!!

प्रोफ़ेसर (बचे हुए भावी शिक्षकों से)- अच्छा, आप बताएँगे, कितने दिन कॉलेज गए होंगे, आप लोग साल भर में?

एक भावी शिक्षक- सर, हम तो रोज़ जाते थे.

प्रोफ़ेसर- बहुत बढ़िया! कितने स्टूडेंट होते होंगे क्लास में अमूमन, हर रोज़?

भावी शिक्षक- हर रोज़ तो पांच सात ही आते थे, सर.

प्रोफ़ेसर- सौ में से?... और बाकी?

भावी शिक्षक- बाकियों को फोन कर टेस्ट वाले दिन बुलवा लिया जाता था!!

(चार)

भावी शिक्षक (फोन पर)- सर, आपके यहाँ एम. एड. में एडमिशन चालू है?

शिक्षक- नहीं, एडमिशन तो कब के ख़त्म हो चुके...अब तो कक्षाएं चल रहीं हैं.

भावी शिक्षक- तो क्या अब नहीं हो सकता?

शिक्षक- अब कैसे होगा?...कुछ ही दिनों में पहला टेस्ट होने वाला है.

भावी शिक्षक- वैसे आपके यहाँ एम. एड. कितने साल का है, सर?

शिक्षक- दो साल का...2015 से पूरे हिंदुस्तान में दो साल का ही है!

भावी शिक्षक- तो क्या एक साल वाला अब नहीं है?

शिक्षक- मुझे दो साल का मालूम है. NCTE ने इस वर्ष से दो साल का कर दिया है.

भावी शिक्षक- किन्तु हमने सुना है कि 2014-15 के एडमिशन हो रहे हैं.

शिक्षक- भई, जुलाई 2015 ख़त्म होने को है. 2015-16 की पढाई चल रही है. 2014-15 के एडमिशन अब कहाँ से होंगे?

भावी शिक्षक- हमें किसी ने बताया है, तभी हम पूछ रहे हैं.

शिक्षक- तो जिसने बताया है, उसी से पूछो. वही शायद बता पाए!
         (फोन काट देते हैं)

(पांच)

प्राचार्य- आओ, आओ, कहो कहीं पढ़ा रही हो?

भावी शिक्षक (पैर छूते हुए)- जी सर, आपके आशीर्वाद से.

प्राचार्य- किस कॉलेज में?

भावी शिक्षक- सेंट अम्बर टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में सर.

प्राचार्य- मगर यह तो अलीराजपुर में है. वहीँ रहने लगी हो या डेली अप-डाउन करती हो?

भावी शिक्षक- नहीं सर, क्लासेस यहीं लगती हैं!

प्राचार्य- हें!!