एक पोरट्रेट
उनकी सफाचट चाँद पर इने-गिने बाल इस जतन से रखे गए प्रतीत होते थे मानो पश्चिम दिशा से खोपड़ी के गोलार्ध पर अक्षांश रेखाएं पूर्व की ओर चली गयी हों।रचना कर्म
रचना कर्म खुजाने की तरह है। जब तक खुजा न लो, चैन नहीं पड़ता, वैसे ही जब तक लिख न मारो, करार नहीं आता। ...जब खुजली हदों को पार कर जहाँ-तहाँ फूटने लगे, समझो कि लेखक साहित्यकार हो गया।उपवासी
व्रत उपवास करने वाले निराहारी नहीं बल्कि भिन्न आहारी होते हैं, उसी तरह जैसे विकलांग 'डिफरेंटली एबल्ड' होते हैं, 'डिसेबल्ड' नहीं.फॉरप्ले
पत्रिका खरीदते ही हम उस पर टूट कर नहीं पड़ते बल्कि वैसा ही व्यवहार करते हैं जैसे कोई शेर करता है। वह शिकार को खाने से पूर्व उसके साथ खेलता है, उसे चाटता है, सहलाता है उसी भांति हम भी कभी पन्ने पलटते हैं, कभी इनडेक्स देखते हैं, तो कभी यहाँ वहाँ टटोलते हैं।गप्पी
रन लेने दौड़ पड़े खिलाडी रन लेना भूल कर बीच विकेट के बातों में लग जाएँ। प्रयोगशाला
कपाल के बीचो-बीच से शुरू हो कर नाक के पठार से होती हुई ठुड्डी के मध्य बिंदु को मिलाने वाली रेखा के एक तरफ का क्षेत्र .......जिधर विज्ञापित रेज़र से शेव करने के बाद सुंदरियाँ लिपट-लिपट जाएँ।आश्रित
पत्नी, बच्चे, बीमारी।सूचना
यहाँ हर तरह का श्रृंगार किया जाता है.....काया पलट नहीं।डायपर
बच्चे का अटेच्ड टायलेट, मम्मी का एम्पावरमेंट।भगवान का परफार्मेंस क्वोशेंट
माना मनोकामनाओं की कुल संख्या अथवा भक्तों पर आन पड़े संकट= अमन-वांछित फल प्राप्त अथवा संकट मोचित= ब
भगवान का परफार्मेंस क्वोशेंट = ब /अ