पिता- पुत्री, तुम्हारे विवाह के लिए एक ऑनलाइन विज्ञापन तैयार किया है। पढ़ कर देखो, ठीक तो है!
पुत्री- (पढ़ती है।)
गौर वर्ण, 23 वर्षीय, सुशिक्षित, सुरुचिपूर्ण, सर्वगुणसंपन्न कन्या के पाणिग्रहण हेतु
इच्छुक प्रत्याशियों द्वारा पूर्ण बायो डाटा सहित आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। प्रकाशन
तिथि के एक माह के अंदर प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों पर ही विचार किया जा सकेगा।
कृपया नोट करें कि निम्न वर्गों के
प्रत्याशी आवेदन के पात्र नहीं हैं।
1.
आई. आई. टी. / आई. आई.
एम. डिग्रिधारी अथवा ग्रीन कार्ड होल्डर
2.
एक पैर जमीन तो दूसरा
विमान पर रखने वाले, आधी जिंदगी होटलों में बसर करने वाले कंपनी एग्ज़ीक्यूटिव
3.
नेताओं और जनता के दो
पाटों के बीच पिसते, फील्ड का तनाव झेलते देश और राज्यों के आला अधिकारी
4.
मर्यादा पुरुषोत्तम राम अथवा धर्मराज युधिष्टिर
जैसे चरित्रवान (कन्या को जंगलों की खाक़
छानने का कोई शौक नहीं!)
5.
कई-कई नौकर चाकर तथा दूध
दही के भंडार रखने वाले माटी पुत्र
6.
किसी नट के समान अध्यापन
को जनगणना, निर्वाचन, टीकाकरण, मिड-डे मील जैसे अनेक दुसाध्य कार्यों के साथ संभालने का प्रयत्न करते अध्यापकगण
7. प्रवासी मजदूर अथवा विपन्न, साधनविहीन एवं कमज़ोर
वे प्रत्याशी ही आवेदन के पात्र होंगे
जिनकी इम्यूनिटी मजबूत हो। भारत सरकार के
आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किया गया इम्यूनिटी का प्रमाणपत्र संलग्न नहीं किए गए
आवेदन (फिर चाहे आवेदक कितना भी च्यवनप्राश खाने अथवा काढ़ा, हल्दी का दूध इत्यादि पीने का दम क्यों न भरते हों!) तत्काल
निरस्त किए जा सकेंगे। प्रत्याशियों के लिए जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा, समुदाय आदि का कोई बंधन नहीं है।
पुत्री (पढ़ने के पश्चात)- बचा ही कौन, पिताश्री... नेताओं और बाबाओं के सिवाय! ये लोग मुझे स्वीकार नहीं हैं! आप तो जाने
दीजिये... मैं कुंआरी ही रह लूँगी!!
वो तो बिटिया ने मना कर दिया, वरना विवाह में सम्मिलित होने के लिए मोबाइल पर आरोग्य सेतु के अतिरिक्त स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और गाड़ी के सारे प्रमाणपत्र लेकर आना पड़ता!
ReplyDeleteवैसे बाबा और नेता की तो छँटाई हो गई... कोई योगी वोगी चलेगा???
योगियों मोदियों त्यागियों को तो गृहस्थी जमाने का हक यूं भी नहीं!
ReplyDeleteइतने सारे ऑप्शन्स देखकर लड़की भी घबरा गई। सोच रही होगी खुद ही पसंद करने में भलाई है 😂😂
ReplyDeleteपुत्री--पिताजी किराना दुकान वालों को पहले प्राथमिकता दी जानी चाहिए ��������
DeleteThanks Manisha Tonke
DeleteWah .....
ReplyDeleteकोरोना ने तो शादी करने योग्य बेटों एवम बेटियों के माता पिता को अपने जैसे अदृश्य चिंतन में डाल दिया है जिनकी शादी की तिथि घोषित हो गई थी जिनकी सगाई हो गई थी बिचारे सभी परेशान हैं ....शानदार .. अभिव्यक्ति सर ..👌👌😊😊
ReplyDeleteचिंता न करें मैडम ...कूछ दिनों की बात है!
Deleteबहुत बढ़िया सर जी, कोरोना ने विवाह के सारे मानदण्ड ही बदल दिए ।
ReplyDeleteजीवन के मानदंड बदल दिए...फिर विवाह किस खेत की मूली है!
DeleteYe toh hona hi tha😂😂. Bohat badhiya yaarr!!!!
ReplyDeleteअबे नाटक फाटक छोड़, इम्यूनिटी बढ़ा!
ReplyDeleteBhut badiya Sir��
ReplyDeleteमिट्टी में काम करने वाले सेनिटाइज़ नहीं होत, इसलिए!
ReplyDeleteऐसी शर्तों तले तो अपनी जिंदगी कवारी ही कट जानी है। वैसे गुरुदेव !! कहीं अपने भी भविष्य में उच्च राजनेता और CM, PM का योग तो नहीं ....
ReplyDeleteकुल मिला कर, बचे सिर्फ नेता। बाबा लोग तो सुयोग्य वधू के बजाए मासूम और अबला अनुयायियों में ज़्यादा दिलचस्पी रखते हैं।
ReplyDeleteHaha
Deleteबेहतरीन
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