Thursday, September 9, 2010

इंडिया गोट टेलेंट

कुदरत का अपना सीधा-सीधा निजाम है. मौसम आने पर फूल खिलते हैं, वक़्त से फल लगते हैं और पक जाने पर टपक जाते हैं. आदमी का निजाम कुछ अलग ही है. विश्वविद्यालयों के इन्तेजाम की एक बानगी देखिये, हालात कमोबेश ऐसे हैं. कैलेण्डर  के हिसाब से माने तो अभी हम सत्र २०१०- २०११ के बीच में हैं. मगर विश्वविद्यालयों में सत्र २००६-०७ के विद्यार्थी परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं जिस पर कालिजों की मान्यता के विवाद के चलते माननीय न्यायालय ने रोक लगा रखी है. सत्र २००७-०८ की प्रायोगिक परीक्षाओं का दौर चल रहा है. २००८-०९ की पढाई परवान पर है तो साथ ही २००९-१० के प्रवेश भी जारी हैं. मुमकिन है कि २०१०-११, यानि मौजूदा सत्र की प्रवेश परीक्षा  का विज्ञापन जारी करने के लिए सचिवालय में अफसरों की बैठक हो रही हो. ...मानते हैं न- इंडिया गोट टेलेंट 
अंत में...
मम्मी ने अपने बेटे के स्कूली दोस्त प्रियेश के पापा का फोन नंबर प्रियेश डैड के नाम से सेव कर रखा था. एक दिन उनका एक अलग नंबर से फोन आया. मम्मी ने यह नया नंबर भी सेव करने की सोची. नाम की जगह थोडा सोचने के बाद लिखा...प्रियेश डैड २ और सेव का बटन दबा दिया. 


9 comments:

  1. त्यागी सर! हम त भुक्त भोगी हैं... हमरा एल-एल.बी. का रिजल्ट अईसहीं दूसाल बाद निकला अऊर इसी कारन हमरा प्रोमोसन तीन साल पिछिया गया…सब टैलेंट वेस्ट हो गया!!
    प्रियेस के डैडी नं. 2 का कहानी मजेदार लगा. आज हम भी अपना मोबाइल चेक कर लेते हैं.. कहीं हमरे मोबाईल में भी अईसने नम्बर तो नहीं है... मगर सर हमरी बिटिया के दोस्त के माँ बाप कहीं सेभ करके रखे होंगे तब???????????

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  2. वाकई इण्डिया गोट टैलेंट

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  3. thanks for making me laugh......
    really india's got talent
    you just take care............

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  4. sir it happens only in INDIA.isiliye to bharat ajuba hai ,isko jadugaro ka desh aise hi nahi kehate yahan har aadami jadugar hai.ab dekho university ne kaise time ko rok rakha hai.

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  5. aise hi nahi kaha jata...Mera Desh Mahaan!

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