Thursday, April 14, 2011

दुस्साहस



शहर में चोरों का दुस्साहस तो देखिये! गयी रात तीन-तीन घरों की छत पर चढ़ कर चोर परिवारों की सारी जमा पूंजी पर हाथ साफ कर गए। घर के लोगों ने सुबह उठ कर जब छत पर रखी रीती टंकी, बाल्टियाँ, और टब इधर उधर लुढ़के देखे तो उनके कलेजे धक से रह गए! वे तुरंत थाने की ओर भागे। खबर है कि मामले की नज़ाकत को देखते हुए पुलिस ने विशेष दस्तों का गठन कर जल चोरों को पकड़ने की ज़िम्मेदारी सौंपी है।

जल लीला


(पानी वाले से) क्या बात है भैया, हमारे यहाँ बिलकुल भी पानी नहीं आ रहा?
में तो पूरा देता हूँ सर, लोग टंकियाँ भर जाने पर भी मोटर बंद नहीं करते... जंगली घास को नहलाते रहते हैं, पाइप से गाडियाँ धोते रहते हैं।
ठीक कह रहे हो, मगर कुछ तो करो भैया जो हमारे यहाँ भी पानी आए।
(पसीज़ कर) अच्छा, कल आपके यहाँ पानी आएगा। (ध्यान से सुनिए)... कल मैं समय से दस मिनट पहले घड़ी भर को को वाल्व बंद कर दूँगा। पानी गया देख पुरुष निश्चिंत हो कर काम-धंधो पर निकल जाएंगे। ग्रहणियाँ भी घर के काम काज मे भिड़ जाएंगी। तभी में लाइन चालू कर दूंगा ...आप बर्तनों समेत तैयार रहना और मौका मिलते ही घर का पूरा पानी भर डालना!

11 comments:

  1. संजय जी, आपकी प्रेम पगी फटकार, मनुहार. ... और लो, हम प्रकट भये! अब जल्दी ही सब तरफ घूमेंगे!!

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  2. शुभागमन...!
    कामना है कि आप ब्लागलेखन के इस क्षेत्र में अधिकतम उंचाईयां हासिल कर सकें । अपने इस प्रयास में सफलता के लिये आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या उसी अनुपात में बढ सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको 'नजरिया' ब्लाग की लिंक नीचे दे रहा हूँ, किसी भी नये हिन्दीभाषी ब्लागर्स के लिये इस ब्लाग पर आपको जितनी अधिक व प्रमाणिक जानकारी इसके अब तक के लेखों में एक ही स्थान पर मिल सकती है उतनी अन्यत्र शायद नहीं । प्रमाण के लिये आप नीचे की लिंक पर मौजूद इस ब्लाग के दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का माउस क्लिक द्वारा चटका लगाकर अवलोकन अवश्य करें, इसपर अपनी टिप्पणीरुपी राय भी दें और आगे भी स्वयं के ब्लाग के लिये उपयोगी अन्य जानकारियों के लिये इसे फालो भी करें । आपको निश्चय ही अच्छे परिणाम मिलेंगे । पुनः शुभकामनाओं सहित...

    नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.

    बचाव : छुपे हुए महारोग- मधुमेह (शुगर / डायबिटिज) से.

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  3. त्यागी सर!!
    पहले प्रणाम स्वीकारिये. फिर शिकायत कि मेरेमेल का उत्तर नहीं दिया आपने..गैर हाजिरी के मुद्दे पर.. फिर मेरी शुभेच्छाएं लीजिए कि आप स्वस्थ हों और रहें.. फिर आशीष दें कि मैं भी जल्दी अच्छा हो जाऊं.. दर्द का गोदाम बना रखा है ऊपरवाले ने मेरे जिस्म को..
    अब अंत में बधाई इस धुंआधार वापसी की..

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  4. Paani made your comeback again !!
    Lovely entry. Hope to see more frequently !!

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  5. @सलिल भाई, आपको शीघ्र दर्द से निज़ात मिले- यही कामना....आपकी मेल अगर मिलती और हम जवाब न देते तो गुनाहगार थे.खैर, अब गैरहाजिर होने की शिकायत तो दूर हो ही गयी. ...अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखें.
    @अम्बुज, सही कहा तुमने....निश्चित ही पानी के बाद कुछ और भी पढने को मिलेगा.

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  6. बढ़ते तापमान से हो न हो पर कम से कम आप के ब्लॉग के माध्यम से तो गर्मी के आगमन का एलान हो ही गया!

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  7. ’बिन पानी सब सून’ पिछले दिनों ’वैलडन अब्बा’ देखने का सुयोग मिला और आज आपकी यह पोस्ट पढ़ रहा हूँ। नपे तुले शब्दों में सब कुछ कह देना, काश हम भी कर पाते।

    त्यागी साहब, शुक्रगुज़ार हैं कि हमारी गुजारिश की लाज धरी आपने। अच्छे लोगों की सक्रियता बढ़ने से खरपतवार कम न हो लेकिन अनुपात तो सुधर ही जाता है।

    आपसे जूनियर हूँ, फ़टकार जैसे शब्द का इस्तेमाल मत कीजिये, मनुहार शब्द दौड़ेगा:)

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  8. sir its good to see you back after long time..I wish could give feedback in hindi but i can't type in hindi ....well once again something good to read from your side........may be this hot hot summer inspired you to write......well it is very clear once again that necessity gives birth to new ideas.
    hope you are fine.

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  9. @ संजय भाई शुक्रिया, पर आप तो बहुत कुछ कर पाते हैं... आपकी लेखनी किसी की भी मोहताज़ नहीं है.
    @ स्मिता जी कैसी हैं? ब्लॉग के माध्यम से ही सही, आपसे रस्मो-राह तो फिर से शुरू हुई.

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  10. बढ़िया है........

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