आपका नाम?
जी, किसन लाल।
किस वर्ग के हो?
जी, मैं आरक्षित वर्ग का हूँ।
शाबाश! समझो आधा मैदान तो तुमने मार लिया। अच्छा किसन जी, आप बाहरी तो नहीं हो ना?
कतई नहीं सर, मैं तो पैदायश से ही हिन्दुस्तानी हूँ।
हिन्दुस्तानी तो हम सब हैं! भला उसमे कौन सी अनोखी बात है? .......मेरा मतलब था कि तुम बिहार, यूपी के तो नही हो?
नहीं सर, मैं बिहार, यूपी का नहीं हूँ। और तो और मेरी सात पुश्तों में भी कोई बिहार, यूपी का नही रहा।
गुड, गुड। ....तो हम यह मानें कि तुम यहीं के हो?
यस सर-सौ फीसदी। मैं बाकायदा इसी प्रदेश का हूँ।
तब तो तुम्हारी मातृभाषा भी हिन्दी हुई। क्यों, ठीक है ना?
निश्चित ही सर। यूँ तो मेरी औकात नहीं, पर कभी विधानसभा जाने का मौका आन ही पड़ा तो में विश्वास दिलाता हूँ कि शपथ हिन्दी मैं ही ग्रहण करूंगा।
खैर छोडिये इसे। अब सब बातों की एक बात! ....ये बताओ कि तुम्हारी मिट्टी क्या हमारी कम्पनी की मिट्टी से 'मैच' करती है?
मैं ......कुछ समझा नहीं सर?
समझाता हूँ। समझाता हूँ। तुमने बचपन में कबड्डी तो जरूर खेली होगी?
खूब खेली है सर, बल्कि मैं तो गाँव की कबड्डी टीम का कप्तान भी रहा हूँ।
फिर तो जरूर जानते होगे कि तुम्हारे जिस्म पर चढ़ने वाली धूल किस मिट्टी की थी?
सर, वैसे भूगोल मैंने आठवें दर्जे तक पढ़ कर छोड़ दिया था। जहाँ तक मेरा ख्याल है वह हमारे गाँव की .....काली मिट्टी थी।
हूँ! और यह कम्पनी जो तुम्हारे गाँव की नहीं है, यह किस गारे से बनी है....किस मिट्टी से उठी है-कुछ पता है?
जी, वह तो लाल मिट्टी है-शायद?
शायद नहीं, बेशक लाल ही है। अच्छा तुमने इतिहास पढ़ा है?
हाँ जी, पढ़ा तो है- थोड़ा थोड़ा ।
यक्ष ने पूछा था-सबसे बड़ा अजूबा क्या है? युधिष्ठिर की जगह मैं होता, तो जानते हो क्या जवाब देता?
नहीं सर, मैं मूढ़ भला क्या जानूं!
मैं कहता कि यह पता होते हुए भी कि तुम इस मिट्टी के लाल नहीं हो.....तुम्हारी मिट्टी यहाँ की मिट्टी से 'मैच' नहीं करती फिर भी नौकरी की उम्मीद में आवेदन कर देना ही दुनिया का सबसे महान आश्चर्य है।
जी...जी सर।
जी क्या?....आप जा सकते हैं।
Utaam Sakshaatkaar !!
ReplyDeleteram ram tauji, meine padh liya hai lekh, register mein "P" laga dena, bahut saari "A" ho gayi hain
ReplyDeleteAl Vineet Bin Tyagi