खुदाई, छिलाई और घिसाई के अनगिनत सत्रों के कठोर तप के बाद आखिर दंताधिदेव को मजबूरन हमारी भक्ति से प्रसन्न हो कर हमें चमक मारती हुई दन्त पंक्ति का वर देना ही पड़ा. इस तरह वो चिर-प्रतीक्षित दिन भी आ ही गया जब दंत-पति ने हमारे मुखमंडल में दांत जड़ कर सालों से रिक्त पड़े स्थान की पूर्ति कर दी. बोले- अभी टेम्पररी फिक्स कर रहा हूँ. एक हफ्ता लगा कर देख लो...ठीक लगा तो परमानेंट कर देंगे. हमने कहा- जी, यही ठीक रहेगा. एक हफ्ते का प्रोबेशन अच्छा है...देख लेते हैं कि बेलेंस बराबर है कि नहीं. कहीं ऊँच-नीच तो नहीं रह गयी. लोगों की फीडबैक ले लेते हैं ताकि कुछ कमी-बेशी दिखे तो समय रहते सुधरवाई जा सके. काम मुकम्मल होने पर उनकी जय जयकार के बाद वर्कशॉप से निकल कर जब हम घर की ओर मुड़े तो पत्नी बोली- सुनो जी, जरा खजराना मंदिर ले चलो. किसी भी नयी चीज के इस्तेमाल से पहले गणेश जी का आशीर्वाद ले लेते हैं, अच्छा रहेगा.
अगले दिन कॉलिज पहुंचे तो साथी शिक्षक बधाई देने कमरे में जुड़ गए. एक बोला- बधाई हो सर, पुष्ट उभारों से आज तो चेहरे की सुगढ़ता देखते ही बनती है...बिलकुल जवान लग रहे हैं! दूसरा- जवान? मैं तो कहता हूँ बाल तो माशाअल्लाह अभी आपके पूरे हैं और कोई खास सफ़ेद भी नहीं...थोडा स्किन केयर ट्रीटमेंट ले लें तो टीन ऐज में ही न पहुँच जाएँ! तीसरा- और जरा दांतों को तो देखो...कैसे मोतियों से चमक रहे हैं! मैडम को काला टीका लगा कर भेजना चाहिए था. चौथा- वाकई सर, नकली दांतों के सामने असली वाले तो ऐसे लग रहे हैं
जैसे यजमान के आँगन में छिडकाव करने वाले सक्के. सुन कर हम फूट पड़े- अरे कमबख्तों, हम यहाँ हनुमान जी सरीखा मुंह लिए घूम रहे हैं और तुम्हे ठिठोली की पड़ी है...हमें यूँ फील हो रहा है जैसे होंठों के नीचे सुर्ती दबा रखी हो या किसी बॉक्सर को दांतों पर गद्दे की तह जमा कर बाउट के लिए तैयार कर दिया गया हो, और तुम सबको मसखरी सूझ रही है.
तभी स्टुडेंट्स का एक जत्था आया. उनमे से एक बोला- अरे वाह, सर...फिर कल से तो आप क्लास लेने आ रहे हैं! 'नहीं, अभी थोडा रुको'. 'क्यों सर?...अब तो आपके नए दांत भी आ गए हैं.' 'हाँ, मगर स्टीयरिंग पर पहली दफा बैठते ही क्या कोई गाड़ी मार्केट में निकाल कर ले जाता है? अभी दो चार रोज गली मोहल्ले में घुमायेगें तो हाथ साफ हो जायेगा. फ़िक्र मत करो जैसे ही हमें नए दांत बेगाने के बजाय अपने से लगने लगेंगे, मैं हाज़िर हो जाऊँगा और सारा हिसाब चुकता कर दूंगा.
त्यागी सर!
ReplyDeleteआपको आपकी जवानी का नया पैकेज मुबारक... काश हम भी प्रत्यक्ष दर्शन कर पाते उस शिल्प कला का जिसकी तामीर में इतने महीने निकल गए... मोहल्ले से अप्रूवल मिल जाये तो इस गली में भी आना जाना बनाए रखें..
कमाल तो इस बात का है कि मैं पोस्ट लिख रहा हूँ "बुड्ढा होगा तेरा बाप" और आप कहते फिर रहे हैं "बचना ऐ हसीनों"... कमाल का कोम्बिनेशन है!!
चैक कर लीजियेगा लीजियेगा त्यागी साहब कि दिखाने वाले ही न हों, खाने वाले भी हों:) बहरहाल, जवानी मुबारक।
ReplyDeletePN Subramanian to me
ReplyDeleteकई प्रयासों (विभिन्न प्रकार से) के बाद भी हम अपनी टिपण्णी दर्ज नहीं कर पाए. कृपया इस टिपण्णी को अपनी पोस्ट में जगह दे दें.:
"रोचक. मुबारक हो. प्रारंभ में थोड़ी तकलीफ सहनी ही पड़ेगी फिर अभ्यस्त हो जायेंगे. मुझे केटेरेक्त का ओपरेशन करवाना है. उसके बाद भी वही स्थिति रहेगी, कुछ हफ्तों तक."
* सलिल भाई! प्रत्यक्ष दर्शनों की चाह तो इधर भी है. बहरहाल, इंदौर में आपका स्वागत है, जब चाहें चले आयें!
ReplyDeleteआपने सही पकड़ा, जवानी इधर भी ठांठे मार रही है, उधर भी!! दरअसल लिखते रहना, सृजन रत रहना स्वयं इस बात का सबूत है कि आप जवान हैं!
* संजय भाई, शुक्र है कि खाने वाले अभी सलामत हैं...यही बात जब हमने डॉक्टर के सामने दोहराई तो वे बोले- यही हाल रहा तो ये भी नहीं रहेंगे! सो क्या करते?... आपका धन्यवाद, मगर जवानी हमारी मजबूरी थी!!
isi bahane chhutti ka anand utha liya aapne :)
ReplyDeleteI am agree with Mota
ReplyDeleteसब तो ठीक है मगर मेरी एक सलाह मान लीजिए। जब तक दांत परमानेंट चस्पा न हो जांय केले मत खाइयेगा वरना लेने के देने पड़ जायेंगे। मेरे सामने एक मास्टर साहब ने केला खाया और केले के साथ दांत भी गटक लिये। दांत जा कर श्वांस नली में अटक गया। बड़े ऑपरेशन के बाद उनकी जान बच पाई।
ReplyDelete..शुभकामनाएँ।
फ़िक्र न करें देवेन्द्र भाई, अपने दांत श्वास नली के लिहाज़ से काफी बड़े है!
ReplyDeleteसर जी जब आपने शीर्षक ही बचना ऐ हसीनो रखा है तो आपके killer look को देखने के लिए आपसे मिलना ही पड़ेगा ,
ReplyDeleteहम भी तो देखे के कितने गिरते है जब आप घर से निकलते है ,वैसे आप स्वीकार तो नहीं कर रहे पर 'खुश तो बहुत होंगे',
well congrats for this new post ,bole to ekdum jhakas'
तो कब आ रही हैं मिलने मैडम जी ...? वैसे कोई गिरे न गिरे, आप तो गिरी ही समझो!!
ReplyDeletehhhhh ur the most.desirable on the planet.....looking cool dude....may u remain as handsome as u r....
ReplyDeletesorry for late reply.....n thanks u remembered me...my sis told me.....
sir u must join twitter i will b ur first follower think abt it
ReplyDeleteअरे वाह मनीषा जी, आपने तो मालामाल कर दिया ...टिप्पणियों से! न केवल ताज़ा बल्कि पिछली पोस्ट भी पढ़ मारी. बहुत-बहुत धन्यवाद आपका इन मेहरबानियों के लिए. ट्विट्टर की सलाह पर निश्चित ही विचार करूंगा.
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