Tyagi Uwaach
Friday, June 19, 2009
जलोपदेश
पानी के मिल जाने पर इतना अहंकार मत कर, न ही नल के चले जाने पर नाहक शोक कर। पानी एक आनी जानी चीज़ है। हमेशा खुले नल के नीचे
रखी
बाल्टी को ही परम सत्य मान।
1 comment:
गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
June 20, 2009 at 7:11 PM
kya kahane.narayan narayan
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
kya kahane.narayan narayan
ReplyDelete