भेड अपने मेमने को नहीं मारती, कुत्ता अपने पिल्ले को नहीं कूटता, भैंस अपनी बछिया की धुनाई नहीं करती, मृग अपने छोने पर छड़ी नहीं बरसाता । यह सिर्फ आदमी की फितरत है जो अपने बच्चों की पिटाई करता है। । उस पर दलील यह देता है कि यह उसके प्रेम करने का ही तरीका है।
उल्लू अपनी संतान को उल्लू समझता है, गधा भी अपनी औलाद को गधा ही मानता है, सूअर यकीन करता है कि उसके भूरे भूरे गोल मटोल भी सूअर ही हैं- कोई भी अपने बच्चे को आदमी नहीं समझता। मगर आदमी, आदमी वह शै है जो अपने बच्चे को उल्लू, सूअर, गधा आदि कहता है, बस आदमी नहीं।
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु, नारी
ये सब ताडन के अधिकारी
तुलसीदास जी मानस में कह गए हैं
ताज्जुब मगर इस बात का है
कि उनकी लम्बी फेहरिस्त से
बच्चे कैसे बाहर रह गए हैं।
कहीं ऐसा तो नहीं
तुलसी जैसे मर्मज्ञ ने उन्हें
इसलिए अलग जगह नहीं दी है
क्योंकि ढोल, गंवार, शुद्र
पशु ओर नारी, सभी में
ये थोड़े बहुत हर कहीं हैं।
wah wah maan gaye sir..meri dasha ka bhavyatmak varnana kia hai..mummy papa ko dikhata hu
ReplyDeletemujhe pitvaoge kya....?
ReplyDeleteअब हम का बोलें… एकदम से मान लेने को मन नहीं करता है... हमरे माँ बाप ने हम भाई बहिन को कभी नहीं मारा पीटा, न हम लोग कभी अपने बच्चा लोग को मार पीट करते हैं...
ReplyDeleteईश्वर करे सब आपके जैसे खुशकिस्मत हों!
ReplyDeleteBahut sahi likha...mujhe to aisa lagta hai tulsidas main thoda sa bacha kahi chipa tha isiliya nhi likha...:P :=D
ReplyDeleteAapne mere class 5th mein chantaa kyun mara thaa ;)
ReplyDeleteAmbuj bhaiya.. hahahahaa.. gin gin k likho ab to :D
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट!
ReplyDeletesir sahi kaha apane aadami hi aisa kar sakta hai. apane kabhi suna hai kutte ko kehana pade kutta ban par aadmi ko kehna padta hai adami ban.............strange but true.
ReplyDeleteaakhri wali panktiyon me tulsidas ki list se bachhe bahar reh gaye kyonki ye kaam unhone aadmi(?)ke liye chhod diya........
contemprory thought with the age old belief... good observation
ReplyDelete@अमित
ReplyDeleteअंकल ने चांटा इसलिए मारा था, क्योंकि अंकल भी तो "आदमी" हीं हैं.. :)
बहुत खूब अंकल.... "आदमी" की अच्छी खबर ली है आपने
बधाई स्वीकारें!!
-विश्व दीपक
धन्यवाद दीपक जी, और अम्बुज खुद भी 'आदमी' ही है क्योंकि उसने जूनियर्स को खूब चांटे मारे है!
ReplyDeleteदुखित गधे ने एक दिन छोड़ दिए सब काम
ReplyDeleteगलती करता आदमी लेता मेरा नाम !!
ये आदमी ही है जो आदमी को कभिआद्मि नहीं कहता !