गउओं को क्यों खेत चराना
घास चरैय्या, हम हूँ ना !
सूरत-सूरत, बाना -बाना
रूप धरैय्या, हम हूँ ना !
चप्पू छोड़ो, कुछ मत सोचो
नाव खिवैय्या, हम हूँ ना !
क्या बस्ती-बस्ती स्वांग रचाना
रास रसैय्या हम हूँ ना !
लगा यहाँ है आना जाना
युग विचरैय्या, हम हूँ ना !
बनना, मिटना, रोना, गाना
नाच नचैय्या, हम हूँ ना!
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ReplyDeleteIs that a Bhagvad Geeta sar?? :D:D
ReplyDeleteYeah-sort of....A kind of Laloo Bhagwat!!
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